गलत ITR फॉर्म भरा तो रिटर्न होगा रिजेक्ट! जानिए ITR-2 कब भरना चाहिए

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दोस्तों, आज के इस ब्लॉग में हम आपको एक बहुत ही जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं – ITR-2 फॉर्म कौन भर सकता है, कौन नहीं भर सकता है और इसे भरते वक्त किन-किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसा कि आप सभी जानते हैं, आयकर रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2026 है। अगर आप भी समय पर रिटर्न भरना चाहते हैं और सही फॉर्म का चुनाव करना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए बेहद फायदेमंद होने वाला है।
चलिए दोस्तों, बिना देर किए शुरू करते हैं!

ITR-2 फॉर्म क्या होता है और इसे कौन भर सकता है?

दोस्तों, जैसा कि आप सभी को बताते चलें कि आमतौर पर नौकरीपेशा लोग ITR-1 (सहज) फॉर्म का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कुछ खास मामलों में आपको ITR-2 फॉर्म भरना पड़ता है। अब सवाल ये आता है कि ITR-2 फॉर्म कौन भर सकता है?

➡️ ITR-2 उन लोगों के लिए होता है:

  • जो ITR-1 भरने के योग्य नहीं हैं,
  • जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से नहीं होती,
  • जिनकी आय में कोई भी लाभ, वेतन, बोनस या कमीशन साझेदारी फर्म से नहीं मिलता,
  • और जिनकी आय में किसी और की कमाई (जैसे कि पत्नी, बच्चे आदि) को जोड़ना होता है।

उदाहरण के तौर पर – अगर आपकी पत्नी की FD से ब्याज आया है और वह आय आपको जोड़नी है, तो आपको ITR-2 भरना होगा।

ITR-2 फॉर्म कौन नहीं भर सकता?

दोस्तों, अगर आपकी आय का कोई हिस्सा बिजनेस या प्रोफेशन से आता है, जैसे आप कोई दुकान चलाते हैं या किसी फर्म से वेतन या कमीशन पाते हैं – तो आपके लिए ITR-2 नहीं बल्कि ITR-3 फॉर्म होता है।

यानी अगर आपने किसी साझेदारी फर्म से पैसा कमाया है – चाहे वो वेतन हो, ब्याज हो या बोनस – तो ITR-2 आपके लिए नहीं है।

ITR-2 भरने के लिए जरूरी दस्तावेज

अब दोस्तों बात करते हैं कि अगर आप ITR-2 भरने जा रहे हैं, तो आपको कौन-कौन से दस्तावेजों की जरूरत होगी।

  1. Form 16 – अगर आपकी कमाई वेतन से हो रही है।
  2. Form 16A – अगर आपकी FD या सेविंग अकाउंट से ब्याज पर TDS कटा है।
  3. Form 26AS – आपकी कुल आय और TDS की जानकारी के लिए।
  4. भाड़ा रसीद – अगर आप किराए के मकान में रहते हैं और HRA क्लेम करना है।
  5. शेयर या सिक्योरिटीज से पूंजीगत लाभ (Capital Gain) की डिटेल – अगर आपने शेयरों में निवेश किया है।
  6. बैंक पासबुक या FD रसीदें – ब्याज की सही गणना के लिए।
  7. किराए की संपत्ति से आय – तो किराएदार की जानकारी, हाउस टैक्स या लोन पर ब्याज की डिटेल भी जरूरी होगी।
  8. अगर इस साल किसी प्रकार का घाटा हुआ है – तो उसका सबूत भी जोड़ें।
  9. अगर आप पिछले साल का घाटा दिखाना चाहते हैं – तो उस साल का ITR-V फॉर्म साथ रखें।
  10. धारा 80C, 80D, 80G, 80GG के तहत टैक्स बचाने वाले दस्तावेज – जैसे कि बीमा रसीदें, डोनेशन की रसीद, किराए की पर्ची, ट्यूशन फीस आदि।

दोस्तों! ITR भरते समय ये सावधानियां जरूर रखें:

  1. अपने आधार को पैन कार्ड से लिंक कर लें।
  2. जिस बैंक में रिफंड चाहिए, उसका खाता pre-validate करना जरूरी है।
  3. सही ITR फॉर्म का चुनाव करें, नहीं तो आपका रिटर्न अस्वीकृत हो सकता है।
  4. समय सीमा के अंदर रिटर्न भरें, यानी 31 जुलाई से पहले।
  5. और सबसे जरूरी – रिटर्न भरने के बाद उसे verify जरूर करें। आप चाहें तो e-Verification का इस्तेमाल कर सकते हैं – जो सबसे आसान और तेज़ तरीका है।

अंत में

दोस्तों, उम्मीद है कि इस ब्लॉग से आपको ये अच्छे से समझ में आ गया होगा कि ITR-2 कब भरना चाहिए, किसे भरना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
अगर आप अपने टैक्स रिटर्न को लेकर अभी भी किसी तरह की उलझन में हैं, तो किसी अनुभवी CA या टैक्स एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

अगर यह जानकारी आपको उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें।
मिलते हैं अगले ब्लॉग में एक और जरूरी जानकारी के साथ। तब तक के लिए नमस्कार!

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