J&K में 200 से ज्यादा स्कूल जब्त, BJP ने कहा- अब बच्चों की पढ़ाई होगी कट्टरपंथ से मुक्त

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नमस्कार दोस्तों 🙏 आप सभी का हमारे नए आर्टिकल में स्वागत है। दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक बेहद ही महत्वपूर्ण और रोचक खबर बताने जा रहे हैं। यह खबर सीधे-सीधे जम्मू-कश्मीर के स्कूलों और बच्चों के भविष्य से जुड़ी हुई है।

अब आप सोच रहे होंगे – “भाई स्कूल और खबर? इसमें नया क्या है?” 😅 तो जरा ठहरिए… क्योंकि इस बार मामला है कट्टरपंथ, शिक्षा और बच्चों के भविष्य का।

क्या है पूरा मामला?

दोस्तों, जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी (JeI) नाम का एक संगठन था, जिसे सरकार ने पहले ही बैन कर रखा है। इसके साथ जुड़ी हुई संस्था फला-ए-आम ट्रस्ट (FAT) के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई तो कम और कट्टरपंथ ज्यादा सिखाया जा रहा था। यानी कि जहां बच्चों को A for Apple, B for Ball पढ़ना चाहिए था 🍎⚽, वहां उन्हें अलगाववादी सोच की खुराक दी जा रही थी। लेकिन अब मामला पलट चुका है। सरकार ने 200 से ज्यादा ऐसे स्कूलों को अपने कब्ज़े में ले लिया है। और भाजपा ने इस कदम का दिल से स्वागत किया है।

भाजपा का क्या कहना है?

भाजपा की उपाध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री प्रिया सेठी ने साफ कहा कि –

👉 JeI और FAT ने शिक्षा के पवित्र मंच का गलत इस्तेमाल किया।
👉 इन स्कूलों को सरकार ने अपने हाथ में लेकर बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया है।
👉 यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की युवाओं के प्रति दूरदर्शिता को दिखाता है।

दोस्तों, सोचने वाली बात है – जहां बच्चों को साइंस, टेक्नोलॉजी और प्रोग्रेसिव आइडियाज सिखाए जाने चाहिए थे, वहां उन्हें उल्टा-पुल्टा सिखाया जा रहा था। 😳

क्यों जरूरी था ये कदम?

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं, शिक्षा ही बच्चों का असली हथियार है। अगर यही शिक्षा जहरीली बना दी जाए, तो आने वाली पीढ़ियां गलत दिशा में जा सकती हैं। सरकार ने जब इन 215 स्कूलों को टेकओवर किया, तो एक तरह से बच्चों को अंधेरे से निकालकर उजाले की तरफ लाने का काम किया है।

अब बच्चों को आधुनिक शिक्षा, वैज्ञानिक सोच और देशप्रेम के साथ पढ़ाया जाएगा। और हां, अब वहां बच्चे “सेपरेटिज्म” की जगह “सक्सेस” के सपने देखेंगे। 😉

माता-पिता के लिए राहत की खबर

दोस्तों, आप सभी को बताते चलें कि माता-पिता भी अब राहत की सांस ले सकते हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि –

✅ अब स्कूलों में सरकारी निगरानी होगी।
✅ शिक्षा का माहौल सकारात्मक और पारदर्शी होगा।
✅ बच्चों को देशभक्ति और प्रगति की ओर ले जाया जाएगा।

यानी कि अब माता-पिता को ये टेंशन नहीं रहेगी कि उनका बच्चा किताब में “Physics” पढ़ रहा है या “Separatism” 😅

निष्कर्ष

दोस्तों, इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साफ है – मोदी सरकार का संदेश बिल्कुल क्लियर है: शिक्षा को कभी भी कट्टरपंथ का औजार नहीं बनने दिया जाएगा। अब जम्मू-कश्मीर के बच्चे सही मायनों में पढ़-लिखकर डॉक्टर, इंजीनियर, साइंटिस्ट और IAS बन सकेंगे, ना कि किसी के हाथ की कठपुतली।

अब आपकी बारी ✨

दोस्तों, हमें तो यह कदम बच्चों और माता-पिता दोनों के लिए बेहद अच्छा लगता है। लेकिन हम जानना चाहते हैं – आपकी इस फैसले पर क्या राय है? 🤔 क्या आपको लगता है कि सरकार ने सही किया? या फिर आप इससे अलग सोचते हैं? कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा।

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