नमस्कार दोस्तों!आप सभी का हमारे नए आर्टिकल में स्वागत है। दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं जो भारत के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून, मुकेश अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ी हुई है। आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह जियो के लॉन्च से लेकर आज तक की कहानी ने टेलीकॉम और अन्य सेक्टर में इतिहास रच दिया।
जियो का लॉन्च और शुरुआती संदेह
दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, जब मुकेश अंबानी ने जियो लॉन्च किया था, तब कई लोग इस फैसले पर शक कर रहे थे। विश्लेषकों को यह तो लगा कि यह कदम सही है, लेकिन 70,000 करोड़ रुपये का इतना बड़ा निवेश—जिसका उद्देश्य 5,000 कस्बों और 2 लाख से ज्यादा गांवों में 4G नेटवर्क पहुंचाना था—ने सभी को हैरान कर दिया। उस समय Morgan Stanley ने कहा था कि सिर्फ मार्केट शेयर हासिल करना काफी नहीं होगा, जियो को बाजार का आकार भी बढ़ाना पड़ेगा। वहीं Fitch ने अनुमान लगाया था कि जियो पहले साल में 2 से 3 करोड़ ग्राहक ही जोड़ पाएगा और राजस्व हिस्सेदारी 3%-4% से ज्यादा नहीं होगी, जो कंपनी के 10 करोड़ ग्राहक के लक्ष्य से काफी कम है।
लेकिन दोस्तों, जैसे ही डेटा क्रांति आई, स्थिति पूरी तरह बदल गई। आलोचक अब जियो के प्रशंसक बन गए और रिलायंस का शेयर लगातार ऊपर चढ़ने लगा।
एक दशक बाद—जबरदस्त सफलता
आप सभी को बताते चलें कि आज जियो, रिलायंस इंडस्ट्रीज का सबसे बड़ा विकास इंजन बन चुका है। 2015 से अब तक RIL का शेयर सालाना 22% की दर से बढ़ा है, जो निफ्टी 50 के मुकाबले लगभग दोगुना है। Bernstein की एक रिपोर्ट कहती है कि अगले 2 सालों में जियो का राजस्व 13% की CAGR से बढ़ सकता है और FY2027 तक 500 मिलियन ग्राहक या 48% राजस्व हिस्सेदारी तक पहुंच सकता है।
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जियो की ताकत Q1 FY26 में
दोस्तों, FY26 की पहली तिमाही के नतीजे साफ दिखाते हैं कि जियो कितनी बड़ी ताकत है।
- RIL के EBITDA में जियो का योगदान 40% है।
- अगर रिटेल को जोड़ दें, तो आधी से ज्यादा कमाई इन्हीं दो सेक्टर से आती है।
- नया डिजिटल वेंचर JioStar ने 11,222 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जिसमें 1.04 बिलियन ऐप डाउनलोड शामिल हैं।
फिर भी, शेयर 4% गिरकर 1,415 रुपये पर है। यह गिरावट इसलिए आई क्योंकि तेल-से-रसायन (O2C) व्यवसाय का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा और रिटेल का ग्रोथ भी थोड़ा धीमा पड़ा।
भविष्य का प्लान—ग्रीन एनर्जी पर बड़ा दांव
दोस्तों, यदि आपके अंदर भी यह सवाल आ रहा है कि जियो और रिटेल के बाद अगला बड़ा कदम क्या होगा, तो जवाब है—ग्रीन एनर्जी। रिलायंस 2 ट्रिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है, जिसमें सोलर बैटरी, फ्यूल सेल और नई ऊर्जा से जुड़ी टेक्नोलॉजी शामिल होंगी। बर्नस्टीन के अनुसार, न्यू एनर्जी सेगमेंट में 1 GW उत्पादन लाइन शुरू हो चुकी है और FY2026 तक 10 GW क्षमता हासिल हो जाएगी। इसका मतलब है आने वाले कई सालों तक मजबूत ग्रोथ।
मुकेश अंबानी का विज़न—जोखिम में भी भरोसा
दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, मुकेश अंबानी का सबसे साहसी कदम जियो था। 2015 में, जब भारती एयरटेल मार्केट में हावी था, तब भी अंबानी ने LTE तकनीक पर 70,000 करोड़ रुपये का दांव लगाया। उन्होंने कहा था कि भले ही जियो वित्तीय रूप से न चले, लेकिन यह 1 अरब लोगों के जीवन में डिजिटल क्रांति ला देगा। 2025 में महाकुंभ के दौरान, 66 करोड़ श्रद्धालु एक साथ जुटे—यह दुनिया का सबसे बड़ा जमावड़ा था। वहां भी जियो ने 83.9% 5G उपलब्धता देकर यह साबित कर दिया कि उनकी तकनीक और स्केल किसी भी चुनौती को पार कर सकती है।
अंतिम शब्द
दोस्तों, रिलायंस की कहानी हमें यह सिखाती है कि बड़ा सोचो, बड़ा करो और जोखिम से मत डरो। जियो से लेकर रिटेल और अब ग्रीन एनर्जी तक, मुकेश अंबानी का हर कदम यह साबित करता है कि भारत की एक कंपनी भी दुनिया के सबसे बड़े इनोवेटर्स की लिस्ट में शामिल हो सकती है। यदि आपके अंदर भी इस आर्टिकल से जुड़ी कोई राय या जानकारी है, तो आप हमें जरूर बताएं। और हां, दोस्तों, इस तरह की और रोचक और उपयोगी जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ।