नमस्कार दोस्तों! आप सभी का हमारे नए आर्टिकल में तहे दिल से स्वागत है। 🙏 दोस्तों, आज हम आपको एक ऐसी ख़बर देने जा रहे हैं जो न सिर्फ़ खास है, बल्कि बिहार के कई बुजुर्ग योद्धाओं के चेहरे पर मुस्कान ला देगी। तो चाय की चुस्की लेते हुए इस आर्टिकल को आख़िर तक ज़रूर पढ़िए, क्योंकि आज हम बात करने वाले हैं ‘जेपी सेनानियों’ की पेंशन में हुई बड़ी बढ़ोतरी के बारे में।
क्या है मामला?
दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं, 1974 में शुरू हुआ जयप्रकाश नारायण का आंदोलन बिहार की राजनीति में एक मील का पत्थर था। उस समय कई लोग आंदोलन में शामिल हुए, जेल गए, और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया। इन्हीं बहादुर साथियों को ‘जेपी सेनानी’ कहा जाता है। अब ज़रा सोचिए, इतने साल बाद सरकार ने इन सेनानियों के लिए क्या किया? जी हाँ… सीधा पेंशन दोगुनी कर दी! 🎉
सरकार का बड़ा फैसला
आप सभी को बताते चलें कि बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया।
- जो सेनानी 6 महीने से ज़्यादा जेल में रहे, उनकी पेंशन ₹15,000 से बढ़ाकर ₹30,000 प्रति माह कर दी गई है।
- वहीं कम अवधि जेल में रहने वालों की पेंशन ₹7,500 से बढ़ाकर ₹15,000 प्रति माह कर दी गई है।
और हाँ, ये फैसला विधानसभा चुनाव से पहले आया है… अब आप समझ ही गए होंगे कि खुशियाँ भी बट रही हैं और वोट भी! 😉
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नीतीश जी का भी नाम लिस्ट में
मज़ेदार बात ये है कि खुद नीतीश कुमार भी ‘जेपी सेनानी’ की श्रेणी में आते हैं, यानी वे भी पेंशन ले सकते हैं… लेकिन उन्होंने कभी इसके लिए आवेदन ही नहीं किया।
सोचिए, अगर वे ले लेते तो… ख़ैर, ये तो उनकी पर्सनल चॉइस है।
लालू प्रसाद भी लाभार्थी
और हाँ, हमारे बिहार के चर्चित नेता लालू प्रसाद यादव भी इस योजना के लाभार्थियों में शामिल हैं। मतलब, राजनीति में भले कितनी भी दूरियाँ हों, पेंशन की लिस्ट में सब एक साथ! 😄
निष्कर्ष
दोस्तों, इस फैसले से यह साफ हो जाता है कि सरकार उन लोगों को याद रखती है जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा में योगदान दिया। और हम जैसे लोग? हम तो बस चाय के साथ ये खबर पढ़कर खुश हो लेते हैं।
अगर आपके आसपास भी कोई ‘जेपी सेनानी’ हैं, तो उन्हें ये खबर ज़रूर सुनाइए… और हाँ, हो सकता है वे सुनकर आपको मिठाई भी खिला दें!