अनिल अंबानी ग्रुप पर ₹17,000 करोड़ का घोटाला! ED की बड़ी कार्रवाई शुरू – बैंक अधिकारियों पर शिकंजा

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नमस्कार दोस्तों! आज के इस ब्लॉग में हम आपको एक ऐसे बड़े मामले के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने पूरे कॉर्पोरेट और बैंकिंग सेक्टर में हलचल मचा दी है। अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप पर ₹17,000 करोड़ के लोन फ्रॉड को लेकर ED ने बड़ा एक्शन लिया है। आइए जानते हैं पूरी कहानी विस्तार से…” अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस ग्रुप पर ₹17,000 करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, ED अब उन सभी प्राइवेट और सरकारी बैंकों के अधिकारियों को समन भेजने जा रही है, जिन्होंने रिलायंस ग्रुप को लोन दिया था। यह पूछताछ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की जा रही है।

बैंकों से ED की पूछताछ की तैयारी

दोस्तों, आज के इस खास ब्लॉग में हम आपको एक बड़े खुलासे के बारे में बताएंगे, जिसमें ED यानी प्रवर्तन निदेशालय अब रिलायंस ग्रुप को लोन देने वाले सरकारी और प्राइवेट बैंकों के अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी में है। एजेंसी की मंशा यह जानने की है कि:

  • क्या डिफॉल्ट के बाद बैंकों ने कोई सख्त कदम उठाए?
  • क्या किसी जांच एजेंसी के पास शिकायत दर्ज करवाई गई?
  • और सबसे जरूरी, जब लोन दिया गया था, तब क्रेडिट असेसमेंट किस आधार पर किया गया था?

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:

“हम यह समझना चाहते हैं कि डिफॉल्ट होने के बाद बैंकों की कार्रवाई क्या रही और क्या किसी जांच एजेंसी में केस दर्ज कराया गया।”

कौन-कौन से बैंक फंसे इस फ्रॉड में?

करीब 20 बैंक इस केस में फंसे हैं, जिनमें सरकारी और निजी दोनों बैंक शामिल हैं।

  • Reliance Home Finance Ltd (RHFL): ₹5,901 करोड़ बकाया
  • Reliance Commercial Finance Ltd (RCFL): ₹8,226 करोड़ बकाया
  • Reliance Communications (RCom): ₹4,105 करोड़ बकाया

इन बैंकों में शामिल हैं:
Yes Bank, SBI, UCO Bank, Axis Bank, ICICI Bank, HDFC Bank, Bank of India और Punjab & Sind Bank

फर्जी बैंक गारंटी का खुलासा

ED ने हाल ही में ओडिशा की Biswal Tradelink Pvt Ltd (BTPL) के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया।

  • कंपनी ने रिलायंस ग्रुप के लिए ₹68 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी तैयार की।
  • SBI के नाम से फर्जी ईमेल और दस्तावेज बनाए गए।
  • कंपनी के 7 अघोषित बैंक खाते और संदिग्ध लेन-देन का पता चला।

ED के मुताबिक, BTPL फर्जी बैंक गारंटी बनाने का रैकेट चला रही थी और कई कंपनियों के साथ संदिग्ध डीलिंग्स कर रही थी।

रिलायंस ग्रुप की सफाई

रिलायंस ग्रुप ने बयान जारी कर कहा:

“हम खुद इस फर्जीवाड़े के शिकार हैं। हमने इस मामले में पहले ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और कानून के अनुसार कार्रवाई जारी है।”

क्यों है यह मामला बड़ा?

  • ₹17,000 करोड़ का बैंक लोन NPA में बदला
  • बड़े सरकारी और निजी बैंक प्रभावित
  • फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी दस्तावेज़ का इस्तेमाल
  • ED ने पहली गिरफ्तारी की और डिजिटल सबूत जब्त किए

निष्कर्ष

दोस्तों, आज की इस आर्टिकल में हमने आपको अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप पर लगे ₹17,000 करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड और ED की कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी दी। हमने जाना कि कैसे:

  • करीब 20 बैंकों ने रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को लोन दिया, जो बाद में NPA बन गए।
  • ED अब सरकारी और निजी बैंकों के अफसरों से पूछताछ करने वाली है, ताकि यह पता चल सके कि डिफॉल्ट के बाद उन्होंने क्या कदम उठाए।
  • फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी दस्तावेज़ बनाने वाले Biswal Tradelink के मैनेजिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया।
  • रिलायंस ग्रुप का कहना है कि वे खुद इस फर्जीवाड़े के शिकार हैं और उन्होंने पहले ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

यह केस सिर्फ एक लोन फ्रॉड नहीं है, बल्कि यह भारत के बैंकिंग और कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए एक बड़ा सबक है। आने वाले दिनों में जब ED बैंक अधिकारियों और अन्य संदिग्धों से पूछताछ करेगी, तब और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

दोस्तों, अगर आपको यह जानकारी पसंद आई और आप ऐसे ही बिज़नेस, बैंकिंग और फ्रॉड से जुड़ी न्यूज़ सबसे पहले पढ़ना चाहते हैं, तो हमें फॉलो करना न भूलें। अगले आर्टिकल में हम आपको इसी केस के नए अपडेट लेकर आएंगे।

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