नमस्कार दोस्तों, आप सभी का हमारे नए आर्टिकल में स्वागत है। दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण खबर देने जा रहे हैं जो सीधे-सीधे देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स से जुड़ी हुई है। जी हां, बात हो रही है New Income Tax Bill 2025 की, जिसे सरकार ने वापस लेकर अब इसका संशोधित (अपडेटेड) वर्जन पेश करने की तैयारी कर ली है। तो चलिए दोस्तों, जानते हैं पूरी जानकारी आसान भाषा में।
New Income Tax Bill 2025 – क्या है ताजा अपडेट?
दोस्तों, आपको बताते चलें कि 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में पेश किया गया New Income Tax Bill 2025 पुराना Income-Tax Act 1961 को बदलने के लिए लाया गया था। लेकिन अब सरकार ने इस पुराने ड्राफ्ट को वापस ले लिया है और नया संशोधित ड्राफ्ट 11 अगस्त को पेश किया जाएगा। इस नए ड्राफ्ट में संसदीय चयन समिति की 285 में से ज्यादातर सिफारिशों को शामिल किया गया है। दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, इस समिति ने 21 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इन बदलावों का सबसे बड़ा मकसद है – भाषा को आसान बनाना और पुराने या बेकार प्रावधानों को हटाना।
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आइए जानते हैं नए बिल में क्या-क्या बड़े बदलाव हुए हैं
1. टैक्स रिफंड में राहत
दोस्तों, पहले नियम था कि अगर आप ITR देर से भरते हैं तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा। लेकिन अब इस प्रावधान को हटा दिया गया है। यानी, अब अगर आपने रिटर्न लेट भी भरा है, तो भी आपको रिफंड मिल सकता है।
2. इंटर-कारपोरेट डिविडेंड
धारा 80M का प्रावधान वापस आ गया है। इसका मतलब है कि कुछ कंपनियां, जो स्पेशल टैक्स रेट का फायदा ले रही हैं, अब इंटर-कारपोरेट डिविडेंड पर कटौती पा सकेंगी।
3. निल TDS सर्टिफिकेट
अब कुछ खास परिस्थितियों में टैक्सपेयर्स को Nil TDS सर्टिफिकेट लेने की अनुमति होगी, जिससे उनके पेमेंट से टैक्स नहीं काटा जाएगा।
4. गुमनाम दान पर छूट
सिर्फ धार्मिक ट्रस्ट को मिलने वाले गुमनाम दान पर टैक्स से छूट होगी। लेकिन अगर ट्रस्ट धार्मिक होने के साथ-साथ अस्पताल या स्कूल जैसी सामाजिक सेवा कर रहा है, तो छूट नहीं मिलेगी।
5. डिजिटल-फर्स्ट टैक्स सिस्टम
दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, अब सरकार टैक्स प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल, ऑटोमेटेड और फेसलेस बनाने पर काम कर रही है, ताकि सुविधा बढ़े और भ्रष्टाचार कम हो।
6. कैपिटल गेन टैक्स को लेकर अफवाह साफ
पिछले महीने खबर आई थी कि कैपिटल गेन टैक्स रेट में बदलाव हो सकता है। लेकिन आयकर विभाग ने खुद सोशल मीडिया पर कहा कि नए विधेयक में सिर्फ भाषा को आसान किया जा रहा है, टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं होगा।
विशेषज्ञ की राय
दोस्तों, टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज LLP के पार्टनर विवेक Jalan का कहना है कि फरवरी के बिल में एक क्लॉज था, जिसमें रिफंड पाने के लिए समय पर ITR भरना जरूरी बताया गया था। लेकिन इसे अब हटा दिया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी और अनावश्यक कोर्ट केस से बचा जा सकेगा।
पृष्ठभूमि
आप सभी को बताते चलें कि Income-Tax Act 1961 पिछले 62 सालों से लागू है और इस दौरान इसमें 65 बार बदलाव हो चुके हैं, जिनमें 4,000 से ज्यादा संशोधन शामिल हैं। अब सरकार चाहती है कि इसे पूरी तरह खत्म कर नए, आसान और डिजिटल-फ्रेंडली कानून से बदल दिया जाए।
आगे क्या होगा?
अब सभी की नजरें 11 अगस्त पर हैं, जब नया विधेयक लोकसभा में पेश होगा। उम्मीद है कि इससे न केवल पुराने कानून को बदला जाएगा, बल्कि टैक्स भरने की प्रक्रिया भी आसान और यूजर-फ्रेंडली हो जाएगी। दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, टैक्स का मामला सीधा हमारी जेब से जुड़ा है, इसलिए इस तरह के बदलाव हमारे लिए बहुत मायने रखते हैं। यदि आपके पास भी इस नए आयकर विधेयक से जुड़ी कोई जानकारी या सुझाव है, तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं।