दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय शेयर बाजार इन दिनों काफी उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं। अब एक नई चिंता ने सभी निवेशकों की नींद उड़ा दी है — अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कुछ देशों पर 50% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की धमकी दे डाली है। यह खबर आते ही बाजार में डर का माहौल बन गया है। आप सभी को बताते चलें कि इस फैसले से भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर्स को जबरदस्त झटका लग सकता है। निवेशकों का भरोसा डगमगाने लगा है और वे अब तक इंतजार कर रहे हैं कि या तो कोई US-India ट्रेड डील हो जाए या बाजार में जबरदस्त गिरावट आए जिससे “डिप में खरीदारी” का सही मौका मिल सके।
गुरुवार को सेंसेक्स गिरा लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है
गुरुवार को सेंसेक्स में सिर्फ 300 अंकों की गिरावट देखने को मिली, जिससे लग रहा था कि बाज़ार इस टैरिफ के असर को पहले से ही थोड़ा-बहुत आंक चुका है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि असली गिरावट तो अभी आनी बाकी है, खासकर उन कंपनियों के लिए जो सीधे अमेरिका को अपना माल एक्सपोर्ट करती हैं।
नोमुरा की रिपोर्ट: यह टैरिफ एक ‘व्यापार प्रतिबंध’ जैसा असर करेगा
एक मशहूर रिसर्च फर्म नोमुरा का कहना है कि ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ दरअसल एक Trade Embargo (व्यापार प्रतिबंध) जैसा असर कर सकते हैं। इसका मतलब है कि संबंधित क्षेत्रों का निर्यात पूरी तरह ठप हो सकता है। ख़ासकर टेक्सटाइल, रत्न और आभूषण (जेम्स एंड ज्वेलरी), और चमड़ा उद्योग पर इसका गहरा असर पड़ेगा, क्योंकि इन सेक्टर्स में मार्जिन पहले से ही बहुत कम है।
कौन-कौन से सेक्टर होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित?
सेशाद्रि सेन (Emkay Global) का कहना है कि सबसे ज्यादा जोखिम इन सेक्टर्स को है:
- टेक्सटाइल (जैसे: Gokaldas, Kitex)
- केमिकल्स (जैसे: Camlin, Aarti Industries, Atul Ltd)
- ऑटो कंपोनेंट्स (जैसे: Bharat Forge, Suprajit, Sona BLW)
दोस्तों अगर आप इन कंपनियों में निवेश कर रहे हैं, तो आने वाले समय में आपको थोड़ी सतर्कता बरतनी होगी।
भारत का 18% निर्यात जाता है अमेरिका को
आप सभी को बताते चलें कि भारत का लगभग 18% निर्यात अमेरिका को होता है, और यह भारत की GDP का लगभग 2.2% है। इसके अलावा कई कंपनियां जैसे टेक्सटाइल, ज्वेलरी और चमड़ा उद्योग, अपनी ग्लोबल बिक्री का 30% से 40% सिर्फ अमेरिका को करती हैं। यदि आप भी किसी ऐसे व्यवसाय या व्यापार से जुड़े हैं जिसका एक्सपोर्ट अमेरिका को होता है, तो यह समय सावधानी से काम लेने का है।
स्वदेशी को बढ़ावा, विदेशी ब्रांड्स पर दबाव
SBI सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के उत्पादों और ब्रांड्स के बहिष्कार की मांग तेज हो सकती है। इसका असर उन भारतीय कंपनियों पर पड़ सकता है जो अमेरिकी ब्रांड्स को ऑपरेट करती हैं:
- Jubilant Foodworks (Domino’s, Dunkin Donuts)
- Westlife (McDonald’s)
- Devyani International (Burger King)
- Varun Beverages (Pepsi)
- Sapphire Foods (KFC, Pizza Hut)
यदि आपके आसपास लोग स्वदेशी का समर्थन कर रहे हैं, तो यह बदलाव इन कंपनियों की बिक्री पर असर डाल सकता है।
रुपया गिरेगा, लेकिन कुछ सेक्टर को मिलेगा फायदा
टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता का सीधा असर भारतीय रुपये पर भी पड़ा है। रुपया कमजोर हो सकता है लेकिन इसका फायदा निर्यातकों को मिल सकता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि INR में गिरावट से स्थानीय कमाई बढ़ सकती है, जिससे भारतीय इक्विटी बाजार को लंबी अवधि में मजबूती मिल सकती है।
अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
दोस्तों अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो आपके लिए ये जानना ज़रूरी है कि अब निवेश की रणनीति बदल रही है। अब फोकस है उन क्षेत्रों पर जो घरेलू उपभोग (domestic consumption) से जुड़े हैं।
SBI सिक्योरिटीज की सलाह:
- सीमेंट
- होटल्स
- टेलीकॉम
- न्यू एज टेक कंपनियां
- EMS कंपनियां
- ऑटो और ऑटो अंश
- हॉस्पिटल्स
- रेलवे और रक्षा क्षेत्र
- मादक पेय पदार्थ
दीर्घकालिक निवेशक घबराएं नहीं, यह खरीदारी का मौका बन सकता है
Emkay Global के अजय सेन का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और FY26 की दूसरी छमाही में रिकवरी देखने को मिल सकती है। उनका सुझाव है:
“यदि बाजार 5% या उससे ज्यादा गिरता है, तो यह एक बेहतरीन डिप-बायिंग अवसर होगा।”
Geojit Financial के डॉ. वी.के. विजयकुमार कहते हैं:
“बाजार में घबराहट नहीं होगी, लेकिन कमजोरी रह सकती है। निवेशक सावधानी से आगे बढ़ें।”
आपके लिए क्या है सीख?
यदि आप एक लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो यह समय घबराने का नहीं है। भारत की घरेलू मांग, आईटी, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर फिलहाल टैरिफ से बाहर हैं। इन क्षेत्रों में स्थिरता है।
Swastika Investmart के संतोष मीणा का सुझाव है:
“यह घटना एक वैश्विक व्यापार युद्ध का हिस्सा है, लेकिन इससे भारत की दीर्घकालिक ग्रोथ की कहानी प्रभावित नहीं होगी।”
निष्कर्ष: यह संकट एक अवसर है!
21 दिनों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। भले ही बाजार में अभी ठहराव हो, लेकिन जो लोग लंबी सोच रखते हैं, उनके लिए यह अगली तेजी (rally) की बुनियाद रख रहा है। यदि आपके अंदर भी इस आर्टिकल से जुड़ी कोई जानकारी या राय है, तो आप उसे जरूर शेयर कीजिए। यह लेख आपको कैसा लगा, हमें बताइए – ताकि हम आगे भी आपको ऐसी ही उपयोगी जानकारी देते रहें।