Income Tax New Bill 2026: पुराने टैक्स कानून में बड़ा बदलाव, अब रिफंड, TDS और पेंशन नियम होंगे आसान

Income Tax New Bill 2026: पुराने टैक्स कानून में बड़ा बदलाव

नमस्कार दोस्तों! आप सभी का हमारे नए आर्टिकल में स्वागत है। दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको आयकर (संख्या 2) विधेयक के बारे में बेहद महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं, जो भारत में टैक्स कानूनों को आसान और समझने लायक बनाने के लिए लाया गया है। दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, 1961 का आयकर अधिनियम पिछले 60 सालों से लागू है और इस दौरान इसमें हजारों बार बदलाव किए गए हैं, जिससे यह बहुत जटिल हो चुका था। लेकिन अब सरकार ने इसे S.I.M.P.L.E यानी सरल बनाने का फैसला किया है।

नया बिल आखिर है क्या?

दोस्तों, यह नया बिल 1961 के पुराने आयकर कानून को बदलकर एक नया, साफ और आसान कानून लाने की कोशिश है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में इसका पहला मसौदा पेश किया था, जिसमें S.I.M.P.L.E शब्द के जरिए इसके 6 बड़े सिद्धांत बताए गए थे:

  1. सरल संरचना और भाषा
  2. संक्षिप्त और एकीकृत नियम
  3. कम से कम विवाद
  4. पारदर्शिता और व्यावहारिकता
  5. सीखना और बदलाव अपनाना
  6. प्रभावी कर सुधार

पहला मसौदा संसद की एक समिति को भेजा गया, जिसकी अध्यक्षता बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा ने की। इस समिति ने 285 सुझाव दिए, जिनमें से ज्यादातर को मान लिया गया है।

पुराने कानून में क्या दिक्कत थी?

दोस्तों, आप सभी को बताते चलें कि 1961 के आयकर अधिनियम में अब तक 4,000 से ज्यादा बार संशोधन हो चुके हैं और यह 5 लाख से ज्यादा शब्दों का हो गया था। समझने में मुश्किल और पालन करने में भारी दिक्कत होती थी। नए कानून में इसे लगभग 50% तक छोटा और आसान बना दिया गया है।

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नए कानून में क्या-क्या बदलाव हैं?

1. टैक्स रिफंड में राहत

अब अगर आप लेट रिटर्न भरते हैं, तब भी टैक्स रिफंड का दावा कर सकते हैं।

2. लेट TDS पर कोई पेनल्टी नहीं

दोस्तों, अगर आपने TDS देर से जमा किया, तो अब कोई जुर्माना नहीं लगेगा।

3. Nil-TDS सर्टिफिकेट

जिन पर टैक्स देनदारी नहीं है, वो पहले से ही ‘Nil Certificate’ ले सकेंगे। ये भारत और विदेश में रहने वाले दोनों तरह के करदाताओं के लिए है।

4. पेंशन पर राहत

LIC Pension Fund जैसी योजनाओं से मिलने वाली एकमुश्त पेंशन पर अब स्पष्ट रूप से टैक्स कटौती का प्रावधान होगा।

5. कंपनी-से-कंपनी डिविडेंड पर राहत

अब एक कंपनी को दूसरी कंपनी से मिलने वाले डिविडेंड पर भी कटौती मिलेगी, जिससे डबल टैक्सेशन की समस्या खत्म होगी।

6. प्रॉपर्टी टैक्स में बदलाव

दोस्तों, अब मकान संपत्ति से आय की गणना के लिए मानक कटौती 30% तय की गई है। घर खरीदने, बनाने या मरम्मत के लिए लिए गए लोन का ब्याज भी घटाया जाएगा। किराये पर दिए गए घर की टैक्स गणना ‘उचित अपेक्षित किराया’ या ‘वास्तविक किराया’ में से जो ज्यादा हो, उसके आधार पर होगी।

MSME की नई परिभाषा

दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, MSME यानी सूक्ष्म और लघु उद्यम भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। अब इनकी परिभाषा MSME अधिनियम 2020 के हिसाब से तय की जाएगी:

  • सूक्ष्म उद्यम – ₹1 करोड़ से कम निवेश और ₹5 करोड़ से कम टर्नओवर।
  • लघु उद्यम – ₹10 करोड़ से कम निवेश और ₹50 करोड़ से कम टर्नओवर।

‘टैक्स ईयर’ का नया कॉन्सेप्ट

दोस्तों, अभी टैक्स देने के लिए वित्तीय वर्ष और आकलन वर्ष का अलग-अलग इस्तेमाल होता है। नए कानून में ‘टैक्स ईयर’ का कॉन्सेप्ट लाया जाएगा, जिसमें जिस साल आय होगी, उसी साल टैक्स देना होगा।

क्या नहीं बदलेगा?

  • मौजूदा टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा।
  • कोर्ट में तय किए गए प्रमुख शब्द और वाक्यांश वैसे ही रहेंगे।

कब लागू होगा नया कानून?

दोस्तों, यह नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होने जा रहा है।

निष्कर्ष

दोस्तों, नया आयकर (संख्या 2) विधेयक आम करदाताओं, कारोबारियों और MSME सेक्टर के लिए एक बड़ा बदलाव लाने वाला है। इससे टैक्स कानून समझना आसान होगा, विवाद कम होंगे और प्रक्रिया तेज होगी। यदि आपके अंदर भी इस आर्टिकल से जुड़ी कोई राय या सवाल है, तो हमें ज़रूर बताएं।

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